हरिद्वार(आरएनएस)। शरद पूर्णिमा स्नान पर्व पर गुरुवार को हरकी पैड़ी के घाटों पर सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ रही। हालांकि, गंगनगर बंदी के चलते श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने के लिए पर्याप्त जल नहीं मिल पाया। करीब डेढ़ फुट गंगाजल हरकी पैड़ी पर रहा। सामान्य दिनों से साढ़े चार से पांच फुट तक गंगजल घाटों पर रहता है। गंगाजल कम होने के चलते श्रत्रालु लोटे-केन में जल भरकर स्नान करते रहे। स्नान के लिए दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब सहित उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों से श्रद्धालु पहुंचे। सुबह से ही हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर पूजा अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा अमृत पर्व है। इस तिथि को चंद्रमा अपनी सम्पूर्ण कलाओं से परिपूर्ण होकर पृथ्वी के निकट आता है। मान्यता है कि इस दिन आसमान से अमृत बरसता है और गंगाजल में अमृत तत्व की अधिकता हो जाती है। इस मान्यता के चलते हजारों श्रद्धालु गंगा स्नान को धर्मनगरी पहुंचे।
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