देहरादून। जिला प्रशासन हो या आबकारी विभाग कुछ भी कर ले ये शराब माफिया सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। हालात यह हैं कि देहात की दुकानें को दूर शहर के बीचों बीच भी लगातार ओवर रेटिंग जारी हैं।
बताते चलें कि पिछले दिनों जिलाधिकारी सविन बंसल खुद ओल्ड मसूरी रोड स्थित राजपुर मार्केट की एक दुकान पर पहुंचे और सामान्य ग्राहक की तरह शराब खरीदी। उन्हें 660 रुपये की शराब की बोतल 680 रुपये में दी गई, जिससे ओवर रेटिंग की पुष्टि हुई। छापेमारी के दौरान कई ठेकों पर ओवर रेटिंग और अनियमितताएं पाई गईं। आबकारी विभाग ने मौके पर पहुंचकर संबंधित दुकानों पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। इसी दौरान अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, उप जिलाधिकारी हर गिरी और शालिनी नेगी ने भी अलग-अलग ठेकों पर छापेमारी की। इन ठेकों पर भी ग्राहकों से अधिक पैसे वसूलने, रेट लिस्ट सही जगह पर न लगाने और सफाई में कमी जैसी कई खामियां मिलीं।
प्रदेश में शराब की बिक्री में धड़ल्ले से ओवर रेटिंग की जा रही है। हालांकि यह पूरा खेल रेट लिस्ट की आड़ में खेला जा रहा है। दुकानदार शराब की प्रति बोतल पर 20 से 50 रुपये कमा रहे हैं। यहां बता दें कि सरकार ने सभी ठेका मालिकों को दुकान पर रेट लिस्ट लगाने के आदेश दिए हैं। शराब कारोबारी ब्रांडेड शराब की आड़ में ग्राहकों से ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं। गौरतलब है कि राज्य में नई आबकारी नीति के तहत सिर्फ ब्रांडेड शराब की बिक्री के ही आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही सरकार ने सभी ठेकों पर बेचे जाने ब्रांडों के नाम के साथ रेट लिस्ट लगाने के निर्देश दिए हैं। अब दुकानदार इन रेट लिस्टों के नाम पर ही खेल कर रहे हैं। ज्यादातर ऐसे ब्रांडों की रेट लिस्ट लगा रहे हैं जो उपलब्ध नहीं हैं। शराब की दुकानों में प्रति बोतल 20 से 50 रुपये तक ओवर रेटिंग की जा रही है। कई दुकानों पर तो नए प्रिंट को भी पुराना बताकर उसमें भी 10-20 रुपये जयादा लिए जा रहे हैं। किन्तु अब आलम यह हे कि डीम की कार्रवाई के बाद भी लगातार ओवर रेटिंग जारी है। शराब के कारोबारियों के लिए जुर्माना कोई बड़ी बात नहीं है वो साफ साफ कहते हैं कि जुर्माना जितना लगाना लगा लो हम तो उससे कई गुना ज्यादा कमा लेते हैं। सोमवार को जब ऐजेंसी संवाददाता ने सहसपुर स्थित अंगेजी शराब की दुकान पर जांच की और वहां से मदिरा खरीदने वालों से बात की तो पता चला कि वहां तो अभी भी ओवर रेटिंग की जा रही है वहां एक पौवे पर पांच रूपये अधिक लिया जा रहा है, इस पर जब सेल्स मैन से बात की गयी तो बोला जुर्माना तो होता ही रहता है। कौन ध्यान देता है ऐसी बातों पर।