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हल्द्वानी : कुमाऊं में लैंड फ्रॉड के 13 मामलों में दर्ज होंगे मुकदमे

हल्द्वानी(आरएनएस)।  कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मंगलवार को सर्किट हाउस में लैंड फ्रॉड समन्वय समिति की मंडलीय बैठक में जमीनों की धोखाधड़ी से जुड़े 53 मामलों की सुनवाई की। सुनवाई के बाद कमिश्नर ने 13 मामलों में दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने कहा कि शेष 40 मामलों में विस्तृत जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।  बैठक में में नैनीताल जिले के 45, ऊधमसिंह नगर के 4, अल्मोड़ा और बागेश्वर के क्रमश: 2-2 मामलों को सुना गया। लैण्ड फ्रॉड समन्वय समिति की बैठक में शिकायतकर्ता के पक्षों को सुनने के बाद कमिश्नर रावत ने 13 लैंड फ्रॉड मामलों पर संबंधित पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। शेष 40 मामलों की विस्तृत जांच का निर्णय लिया गया। इस मौके पर कमिश्नर ने निर्देश दिए कि सरकार की भूमि पर जहां अतिक्रमण है, उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। बैठक में डीआईजी कुमाऊं रेंज डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत, वन संरक्षक (पश्चिमी वृत्त) डॉ. विनय भार्गव, यूएस नगर जिला विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक रुहेला, एडीएम नैनीताल पीआर चौहान, यूएसनगर अशोक कुमार जोशी मौजूद रहे। साथ ही समन्वय समिति के सदस्य एवं डीएम बागेश्वर और अल्मोड़ा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक से जुड़े।
बंदोबस्ती के मामलों में पूरा करें सीमांकन
कमिश्नर रावत ने बैठक में कहा कि कुमाऊं मंडल के जिन जिलों में बन्दोबस्ती का कार्य चल रहा है, वहां संबंधित स्थानों पर वन विभाग की भूमि की सीमांकन सूची का मिलान अवश्य कर लें। जिन वन क्षेत्रों में पिलर आदि नहीं लगे हैं, उन स्थानों पर सीमांकन के लिए पिलर लगाए जाएं।
भू-माफिया के खिलाफ सख्ती कार्रवाई हो
कमिश्नर रावत ने कहा कि अधिकतर भूमि पर अतिक्रमण एवं प्लाटिंग के मामलों में कुछ भू-माफिया जुड़े रहते हैं। ऐसे मामलों में जिस भूमि पर डीलर प्लाटिंग करते हैं, वह भूमि वास्तव में उनकी होती नहीं है। उस भूमि की रजिस्ट्री भू-स्वामी द्वारा की जाती है। डीलर लेन-देन में अभिलेखों के अनुसार कही भी मौजूद नहीं होता है। ऐसी सरकारी जमीनों की बिक्री के मामलों में चिह्नित भू-माफिया एवं डीलर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ऐसे मामलों में शामिल तत्वों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए।
जमीन खरीदने से पहले दस्तावेजों को जांच लें
कमिश्नर ने कहा कि कोई जमीन खरीदने से पहले उसके अभिलेखों की जांच लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और तहसील स्तर पर आवश्यक रूप से करा लेनी चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान दिया जाए कि कहीं संबंधित जमीन पर बैंक से लोन तो नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा जिस स्थल पर भूमि खरीद कर रहे हैं, उसकी खतौनी की भी सही ढंग से जांच करना जरूरी है।

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