अल्मोड़ा(आरएनएस)। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में शोध सलाहकार समिति (रिसर्च एडवाइजरी कमेटी) की पहली बैठक सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में हुई। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में आयोजित बैठक में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में शोध कार्यों को बढावा देने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए। बैठक में विश्वविद्यालय के शोध अध्यादेश को विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल की बैठक में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। बैठक में शोध छात्रों की उपस्थिति का विभागवार विवरण रखने के साथ शोधार्थी की शोध प्रगति (त्रैमासिक प्रगति) को आवश्यक रूप से प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। बैठक में शोध कार्य हेतु 62 वर्ष की आयु पार कर चुके प्राध्यापकों को शोधार्थी आवंटित न करने, उत्कृष्ट शोध करने वाले प्राध्यापक एवं शोधार्थियों को पुरस्कृत करने का भी निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि यूजीसी ने प्रत्येक विश्वविद्यालय में शोध सलाहकार समिति को आवश्यक बना दिया गया है। इसी को देखते हुए एसएसजे विवि ने शोध सलाहकार समिति की बैठक में बाह्य विशेषज्ञों के साथ विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों के साथ गंभीर चर्चा हुई है। कुलपति प्रो बिष्ट ने कहा कि बैठक में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शोध को लेकर विभिन्न निर्णय लिए गए हैं जो सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय को शोध क्षेत्र में बेहतर करने की दिशा में महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने बताया कि सभी शोधार्थी गूगल स्कॉलर, एकेडमिया, रिसर्च गेट आदि में पंजीकरण कराएंगे जिससे शोधार्थी के कार्यों को पहचान मिलेगी। बैठक से पूर्व शोध एवं प्रसार निदेशालय के निदेशक प्रो जगत सिंह बिष्ट ने बैठक का एजेंडा प्रस्तुत किया और बैठक की कार्यवाही को संचालित किया। बैठक में शोध सलाहकार समिति के सदस्य रूप में प्रो जे एस रावत, प्रो एस के जोशी, प्रो एम एम जिन्नाह, प्रो मधुलता नयाल, प्रो जे एस बिष्ट, डॉ संगीता पवार तथा बाह्य विशेषज्ञ रूप में प्रो एल एस लोधियाल, प्रो एच सी एस बिष्ट ने सुझाव प्रस्तुत किए। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट, शोध सहयोगी डॉ ललित चंद्र जोशी, विपिन जोशी उपस्थित रहे।
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