नई टिहरी(आरएनएस)। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में रविवार को एनईपी को लेकर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता एनसीईआरटी के निदेशक प्रो. डीपी सकलानी ने कहा कि एनईपी के तहत शिक्षा में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। गोष्ठियों की मदद से एनईपी के क्रियान्वयन को लेकर लगातार कार्य किया जा रहा है।रविवार को आयोजित गोष्ठी में एनसीईआरटी के निदेशक व गोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रो. सकलानी का डायट प्राचार्य हेमलता भट्ट सहित स्टाफ ने शाल ओढ़ाकर सम्मान किया। जिसके बाद प्रो. सकलानी ने गोष्ठी का शुभारंभ किया। गोष्ठी में नई शिक्षा नीति (एनईपी) के आलोक में विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों को लेकर चर्चा की गई। निदेशक प्रो सकलानी ने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यशालाओं और प्रशिक्षणों को प्रभावी बनाने के लिए स्थानीयता को जोड़ा जाना जरूरी है। शिक्षण कार्य को अधिक प्रभावी बनाने के लिए स्थानीय शिल्पकारों की सहायता से शिक्षण सहायक सामग्र्री का निर्माण किया जाये, ताकि स्थानीय संस्कृति एवं उत्पादों को बढ़ावा मिल सके। डायट में प्लास्टिक की सामग्री का बिल्कुल भी उपयोग न किये जाने की प्रो. सकलानी ने प्रशंसा की। निदेशक द्वारा जनपद के विभिन्न विद्यालयों का भी मौके पर अनुश्रवण करते हुए कहा कि अपने शिक्षण कार्य को और अधिक प्रभावी बनाने को विद्यालय के पास ही आवासित रहने को कहा। इस अवसर पर एनसीईआरटी के अपर निदेशक अजय कुमार नौडियाल, प्राचार्य डायट हेमलता भट्ट, एनसीईआरटी से प्रो.रजना अरो़डा, प्रो. संतोष, सीईओ एसपी सेमवाल, डीईओ एसपी सिंह, बीईओ नरेश कुमार, दीपक रतूड़ी, डा. वीर सिंह रावत, विनोद पेटवाल, नरेश कुमांई, देवेंद्र सिंह, सीमा शर्मा, देवेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
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