हर कोई चेहरे को खूबसूरत बनाना चाहता है. इसके लिए लोग कई प्रयास भी करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें असर नहीं होता है. अगर आप भी सॉफ्ट और बेदाग त्वचा पाना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है. पिछले कुछ सालों से बोटॉक्स और डर्मल फिलर्स दोनों का चलन काफी बढ़ गया है. कई लड़कियां जमा दिखाने के लिए इन ब्यूटी ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करती है. बोटॉक्स और डर्मल फिलर्स दोनों ही त्वचा की सेहत को दमदार बनाने के लिए बेस्ट ऑप्शन हैं. लेकिन इसमें कुछ अंतर है.
बोटॉक्स और डर्मल फिलर्स का उपयोग
बोटॉक्स एक न्यूरोटॉक्सिन है, जो फेस की मांसपेशियों की गतिविधि को कम करता है. इससे झुर्रियां कम दिखाई देती हैं. वहीं डर्मल फिलर्स ये इंजेक्टेबल पदार्थ होते हैं, जो त्वचा में खोए हुए आयतन को भरकर, झुर्रियों और रेखाओं को कम करता है. बोटॉक्स का उपयोग माथे की रेखा, नाक के चारों ओर बनी रेखा, डिंपल थोड़ी और गर्दन के बैंड पर किया जाता है. वहीं डर्मल फिलर्स का उपयोग होठों और गालों को बढ़ाने, नाक को नया आकार देने और घावों में सुधार करने के लिए किया जाता है.
बोटॉक्स और डर्मल फिलर्स बजट
बात करें इसके बजट की, तो बोटॉक्स, डर्मल फिलर्स की तुलना में प्रति यूनिट थोड़ा काम खर्चीला होता है, लेकिन डर्मल फिलर्स उपचार और उपयोग के लिए बोटॉक्स से थोड़ा ज्यादा महंगा होता है. बोटॉक्स 3 से 6 महीने तक रहता है, तो डर्मल फिलर्स 6 महीने से 2 साल तक रह सकते हैं. वैसे तो बोटॉक्स सुरक्षित माना जाता है लेकिन कुछ लोगों को इससे साइड इफेक्ट हो सकते हैं. जैसे सूजन, सिर दर्द, पिंपल्स, लालिमा आदि.
वही डर्मल फिलर्स भी समान सुरक्षित होते हैं, लेकिन कुछ लोगों की त्वचा पर यह सूट नहीं हो पता है, जिससे उन्हें एलर्जी हो सकती है. अगर आप झुर्रियों को कम करना चाहते हैं, तो आपके लिए बोटॉक्स बेस्ट ऑप्शन रहेगा. लेकिन आप खोई हुई मात्रा को भरना चाहते हैं, या गहरी करना चाहते हैं, तो आपके लिए डर्मल फिलर्स सही रहेगा. ध्यान रहे कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है अगर ऐसा होता है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें.