ऋषिकेश(आरएनएस)। भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त), उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह जी और माननीय राष्ट्रपति जी की सुपुत्री इति मुर्मू जी परमार्थ निकेतन पधारे। परमार्थ निकेतन में दोनों दिव्य विभूतियों का शंख ध्वनि, पुष्पवर्षा और वेदमंत्रों से दिव्य अभिनन्दन किया।
हनुमान जयंती के पावन अवसर पर माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी और माननीय राज्यपाल गुरमीत सिंह जी ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभाग किया।
परमार्थ निकेतन के दिव्य प्रांगण में स्वामी जी की साधना स्थली में विराजित माँ लक्ष्मी जी प्रतिमा को पुष्पहार अर्पित कर माननीय राष्ट्रपति जी ने शक्ति के प्रति श्रद्धा और भक्ति समर्पित की।
माननीन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने कहा कि परमार्थ आश्रम, माँ गंगा के सन्निकट में गंगा आरती के इस पावन अवसर पर यहां उपस्थित परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, उत्तराखंड के राज्यपाल महोदय और उपस्थित आश्रम के सभी अनुयायीगण, आज इस पावन अवसर पर यहां उपस्थित होने के लिये आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ। आज एक संयोग है कि आज हनुमान जयंती भी है, मंगलवार भी है और पूर्णिमा भी है। इस पावन दिवस में और इस पावन अवसर पर गंगा जी की आरती के समय आप सभी से मिलकर मैं अपने आप को धन्य महसूस कर रही हूँ। आप ने इस पावन अवसर पर बुलाया यह एक संयोग ही है। मुझे पता नहीं था कि आज इतना अच्छा दिन है। ये मेरे लिये माँ गंगा का आशीर्वाद ही होगा। परमार्थ गंगा आरती में मैं दूसरी बार सहभाग कर रही हूँ। पुनः मैं धन्यवाद देना चाहती हूँ कि इस पावन अवसर पर आप ने मुझे बुलाया; गंगा जी ने मुझे बुलाया। आप सभी से मिलकर मुझे आरती करने का मौका मिला इसलिये मैं बहुत -बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ।
तत्पश्चात माननीय राष्ट्रपति जी व माननीय राज्यपाल जी, स्वामी जी और साध्वी जी ने विभिन्न राष्ट्रोन्मुखी, उत्तराखंड राज्य के विकास, आध्यात्मिक तथा परमार्थ निकेतन द्वारा संचालित सेवा पहलों के विषय में विचारों का आदान-प्रदान किया।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने परमार्थ निकेतन व डिवाइन शक्ति फाउंडेशन द्वारा संचालित कई प्रभावशाली, धर्मार्थ और मानवीय व पर्यावरणीय सेवा पहलों के विषय में जानकारी माननीय राष्ट्रपति जी के साथ साझा की। इन सेवा क्षेत्रों में सेवायें प्रदान कर रहें कुछ चयनित कार्यकर्ताओं और प्रतिभागियों को माननीय राष्ट्रपति जी से मिलने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ।
दिव्यांगता मुक्त भारत अभियान के लाभार्थी युवा, नारी शक्ति, बेटियां, बच्चों तथा परमार्थ विजय पब्लिक स्कूल, उत्तरकाशी, जो कि नेत्रहीन बच्चों को समर्पित एक उत्कृष्ट स्कूल है, परमार्थ नारी शक्ति केंद्र, ऋषिकेश, जो कि स्लम क्षेत्रों के बच्चों व युवाओं की शिक्षा हेतु समर्पित है वहां के विद्याथियों और शिक्षिकाओं से माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी और माननीय राज्यपाल जी ने भेंट की।
परमार्थ निकेतन द्वारा इन सभी सेवा पहलों के माध्यम से दिव्यांगों को सम्मान के साथ सशक्त जीवन जीने का कौशल व हौसला प्रदान किया जा रहा है। परमार्थ निकेतन द्वारा संचालित ये सभी उत्कृष्ट पहल दिव्यांगों के समर्थन व सम्मान हेतु समर्पित है। इनके माध्यम से महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाया जा रहा हैं साथ ही निःशुल्क कौशल विकास कार्यक्रमों की विस्तृत श्रृंखला संचालित की जा रही हैं।
माननीय राष्ट्रपति जी को वल्र्ड टॉयलेट कॉलेज सहित ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस (जीवा) के माध्यम से परमार्थ निकेतन द्वारा जल, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में भी जानकारी दी गयी। जीवा, स्वच्छता के मानकों और स्तर को बढ़ाने के लिये अद्भुत कार्य कर रहा है। स्वच्छता कर्मियों की सेवा का जश्न मनाना, जीवन में बदलाव लाने तथा समावेशी सशक्तिकरण के लिये विलक्षण सेवा कार्य किये जा रहे हैं।
तत्पश्चात माननीय राष्ट्रपति जी और माननीय राज्यपाल जी ने माँ गंगा के पवित्र तट होने वाली प्रसिद्ध माँ गंगा जी की आरती में सहभाग किया। हनुमान जयंती के अवसर पर परमार्थ निकेतन के हनुमान घाट पर हनुमान जी की पूजा -अर्चना, गंगा पूजा और विश्व शांति हेतु पवित्र यज्ञ में आहुति समर्पित की।
स्वामी जी के पावन सान्निध्य में माननीय राष्ट्रपति जी और माननीय राज्यपाल जी, साध्वी जी, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों और देश विदेश से आये परमार्थ परिवार के सदस्यों ने परमार्थ गंगा तट पर दिव्य भक्तिमय वातावरण में हरिनाम संकीर्तन और गंगा जी की आरती की।
आज की संध्या का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। सभी देवभक्ति के साथ देशभक्ति के रंग मे ंरंग गये। पूरे परमार्थ गंगा तट पर देशभक्ति का अद्भुत उत्साह था। सभी भारत की राष्ट्रपति की गरिमामय उपस्थिति से अत्यंत प्रसन्न थे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का दिव्य पौधा, इलायची की माला और हनुमत महोत्सव के पावन अवसर पर हनुमान जी की दिव्य प्रतिमा भेंट कर उनका अभिनन्दन किया। मुर्मू जी की शालीनता और राष्ट्र को समर्पित भावों को देखकर सभी गद्गद हो गये।
माननीय राज्यपाल गुरमीत सिहं जी और इति मुर्मू जी को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट किया।