अल्मोड़ा(आरएनएस)। जनपद मुख्यालय में चिकित्सा विभाग की बड़ी चूक सामने आई है। अल्मोड़ा नगर में एक डायग्नोस्टिक सेंटर बिना अनुमति के चल रहा था। करीब डेढ़ साल से अधिक समय से चल रहे डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। नगर के केंद्र में टैक्सी स्टैंड के एक होटल में संचालित हो रहे सीटी-स्कैन मशीन के सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी और ना ही अनुमति के लिए किसी भी प्रकार का आवेदन किया गया था। जानकारी के अनुसार डायग्नोस्टिक सेंटर को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला कार्यालय में निर्धारित शुल्क जमा कर पंजीकृत करना अनिवार्य है। सीटी स्कैन मशीन से विकिरण (रेडिएशन) होता है और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में पीएनडीटी एक्ट के तहत मशीन लगने से पहले आवेदन हेतु दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने होते हैं लेकिन सीएमओ ऑफिस में आवेदन हेतु कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। ख़ास बात यह है कि नगर में इसके अतिरिक्त एक मशीन अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज बेस चिकित्सालय में लगी है। नगर के एकमात्र निजी सीटी मशीन के सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिकारी को जानकारी नहीं होना सरकारी मशीनरी की लापरवाही प्रदर्शित करता है। यहाँ मरीजों से सीटी जांच के लिए 05 हजार रुपये से अधिक शुल्क लिया जा रहा था। अनुमति नहीं लिए बगैर मशीन संचालित करने का मतलब है कि इसके द्वारा सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा था। यदि कोई अनुमति नहीं ली गई तो संभव है कि सीटी मशीन में किसी प्रकार की दिक्कत हो और लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा हो। बताया जा रहा है कि मशीन ऑपरेटर भी अपात्र है और सेंटर में कोई डॉक्टर भी नहीं बैठता है और कोई भी नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ भी नहीं था। डायग्नोस्टिक सेंटर स्वामी ने करोड़ों की मशीन तो लगा ली लेकिन अनुमति नहीं ली और सितम्बर 2022 से बिना अनुमति चलाया जा रहा था। इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि यह गंभीर मामला है और सेंटर के विरुद्ध नियम संगत कार्यवाही की जाएगी।
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