पैरों में हो रहे लगातार दर्द को नजरअंदाज करने की भूल कभी भी न करें, क्योंकि ये दिल की बीमारी के संकेत हो सकते हैं. इसे लेकर जरा सी भी लापरवाही हार्ट पर बुरा प्रभाव डाल सकता है और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है.अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कई बार हार्ट डिजीज के शुरुआती लक्षण पैरों में नजर आते हैं लेकिन लोग उन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. इनमें पैरों में दर्द, सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. आइए जानते हैं हार्ट और पैरों के बीच क्या कनेक्शन है…
हार्ट डिजीज के लक्षण
कंधों और पीठ में दर्द
ज्यादा थकान होना
पेट की परेशानी, खट्टी डकार आना
सांस लेने में दिक्कत, बाहों में लगातार दर्द
उल्टी और चक्कर आना
बहुत ज्यादा पसीना निकलना
हार्ट और पैर के बीच क्या कनेक्शन है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हार्ट और पैरों के बीच गहरा कनेक्शन होता है. हार्ट से जुड़ी समस्याएं पैरों के साथ ओवरऑल हेल्थ पर असर डाल सकता है. हार्ट की पंपिंग, पीएडी धमनी जैसी बीमारी से ये प्रभावित हो सकती हैं. इससे पैरों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो सकता है और सूजन आ सकती है. जब पैरों को पंप किए गए ब्लड से ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है तो गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
पैरों के दर्द को न करें इग्नोर
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, पैरों में दर्द और सूजन के कई कारण हो सकते हैं. उनमें हार्ट प्रॉब्लम भी शामिल है. इसलिए कभी भी पैरों में दर्द को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने पर भी हार्ट डिजीज का खतरा पैदा हो सकता है, जिसका प्रभाव पैरों पर पड़ता है.
पैरों की देखभाल कैसे करें
पैरों को हेल्दी बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करें.
आहार सही बनाएं.
पैरों की अच्छी तरह देखभाल करें.
पैरों में दर्द से राहत पाने के लिए हल्के गर्म पानी में सिंकाई करें.
पैरों में सूजन, दर्द या दूसरी समस्याएं होने पर डॉक्टर को दिखाएं.