उत्तराखण्ड

प्रकाशनार्थ गोडसे समर्थकों ने कर डाला बापू का समतामूलक भारत का सपना तहस-नहस :कांग्रेस

आज उत्तराखंड कांग्रेस मुख्यालय में मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी और महानगर अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर गोगी ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर महात्मा गांधी बापू के शहीदी दिवस पर बापू और राज्य के शहीद आंदोलनकारियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
प्रेस वार्ता के दौरान बोलते हुए दसौनी ने कहा की महात्मा गांधी बापू ने आजादी के समय एक ऐसे समाज की परिकल्पना की थी जहां डर और भय की कोई जगह ना हो, जहां संविधान और लोकतंत्र का राज हो लेकिन आज केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों ने उस मूल अवधारणा को ही तहस-नहस कर दिया है।दसौनी ने कहा की आज देश को जाति धर्म और संप्रदाय में बांटने की कोशिश की जा रही है, गरीब मजदूर, दलित और आदिवासियों पर आक्रमण और उत्पीड़न अपने चरम पर है। दसौनी ने कहा कि पिछले दिनों राजधानी में हुई एक घटना ने राज्य को शर्मसार कर दिया है।भले ही सरकार और शासन में बैठे लोगों द्वारा पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के ऑफिस में हुई घटना को दबाने की पुरजोर कोशिश की गई पर सत्य को बाहर आने से कोई नहीं रोक सकता। जानकारी देते हुए दसौनी ने कहा की पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड राज्य के दुधारू विभागों में से एक है इसीलिए हमेशा से पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड राज्य के मुख्यमंत्री अपने ही पास रखा करते हैं।बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी आई एफ एस सुशांत पटनायक ने उत्तरकाशी से भाजपा के विधायक रहे गोपाल सिंह रावत की सुपुत्री जो पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में कार्यरत है उसके साथ शारीरिक उत्पीड़न करने की कोशिश की ।दसौनी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि पटनायक के खिलाफ किसी महिला ने शिकायत की हो। और तो और कार्यरत महिला जो भाजपा के विधायक रहे गोपाल सिंह रावत की सुपुत्री है उसने उत्तराखंड के डीजीपी को इस बारे में लिखित शिकायत तक दी है। इसके बाद आनन फानन में 24 घंटे के अंदर सुशांत पटनायक को पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से हटाकर वन विभाग के हेड क्वार्टर में अटैच कर दिया गया। दसौनी ने कहा कि यदि पटनायक गलत नहीं थे तो उन्हें क्यों हटाया गया और यदि सत्ता रूढ़ दल के विधायकों की बेटियां भी इस प्रदेश में सुरक्षित नहीं है तो आखिर कौन सी महिलाएं सुरक्षित हैं। दसौनी ने कहा की अंकिता को तो न्याय नहीं मिला क्या पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में कार्यरत महिला को भी नहीं मिलेगा?दसौनी ने राज्य की धामी सरकार को गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी के अपमान पर भी आड़े हाथों लिया। दसौनी ने कहा कि पद्मश्री सम्मान के लिए नरेंद्र सिंह नेगी का नाम उत्तराखंड से केंद्र को भेजा जाना था जिसके लिए नरेंद्र सिंह नेगी से उनका बायोडाटा भी मांगा गया परंतु जैसे ही मूल निवास और भू कानून को लेकर नेगी ने वीडियो जारी किया वैसे ही पद्मश्री से उनका नाम काट दिया गया।दसौनी ने कहा की इस तरह का रवय्या खेद जनक है। दसौनी ने कहा की इतनी आसानी से नेगी के उत्तराखंड के प्रति योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। भारतीय जनता पार्टी को नरेंद्र सिंह नेगी का यह अपमान महंगा पड़ेगा ।
प्रेस वार्ता के दौरान बोलते हुए महानगर अध्यक्ष जसविंदर गोगी ने कहा कि आज बेरोजगारी महंगाई और महिला उत्पीड़न अपने चरम पर है। प्रदेश के बेरोजगार युवा दर-दर की ठोकने खाने को मजबूर है,भर्ती और नियुक्तियों में जमकर फर्जीवाड़ा और भाई भतीजा बात चल रहा है। युवाओं पर आना हक मांगने पर लाठी चार्ज किया जा रहा है।गोगी ने कहा की महिला उत्पीड़न के क्षेत्र में एनसीआरबी के आंकड़े डरा देने वाले हैं जिसमे नौ हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड को महिला अपराध में सर्वोपरि रखा गया है। एक साल के अंदर उत्तराखंड में 907 महिलाओं की के साथ दुष्कर्म और 778 महिलाओं का अपहरण कर लिया गया जो की धामी सरकार के लिए डूब मरने का सबब होना चाहिए ।
गोगी ने कहा कि अग्निवीर योजना ने उत्तराखंड के युवाओं पर कुठाराघात कर उनके देश सेवा के जज्बे को चूर चूर करने का काम किया है। गोगी ने कहा कि अंकिता के पिता द्वारा जिलाधिकारी पौड़ी को पत्र लिखकर वीआईपी के नाम का बड़ा खुलासा करने के बावजूद राज्य सरकार ने आज तक उस व्यक्ति की जांच के लिए एक कदम भी नहीं बढ़ाया है, कोई एसआईटी गठित नहीं की गई, ना ही उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराई जा रही है,गोगी के अनुसार पीड़िता के पिता के द्वारा लगाए गए आरोप निराधार नहीं हो सकते और क्योंकि इसमें भाजपा का बड़ा नेता सवालों के दायरे में आ रहा है इसलिए राज्य की धामी सरकार पीड़िता के पिता द्वारा की गई शिकायत को अनदेखा कर रही है जो दुभागयपूर्ण है।

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