पहली बार मां बनना एक अद्भुत अनुभव होता है. जब आपके जीवन में एक नन्हा सा नया मेहमान आता है तो उसकी देखभाल और पालन-पोषण में कोई कसर नहीं छोडऩी चाहिए. ब्रेस्टफीडिंग यानी स्तनपान कराना मां और बच्चे के लिए कितना फायदेमंद है, यह तो सभी जानते ही हैं.लेकिन क्या आप जानती हैं कि ब्रेस्टफीडिंग को लेकर कुछ नुकसान भी हो सकते हैं? इसलिए ब्रेस्टफीडिंग शुरू करने से पहले इसके फायदों और नुकसानों के बारे में जान लेना बहुत जरूरी है. आइए हम ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण फायदे और नुकसान के बारे में…
ब्रेस्टफीडिंग के फायदे..
* मां का दूध नवजात शिशु के लिए वरदान की तरह माना जाता है. मां के दूध में एंटीबॉडीज़ और व्हाइट ब्लड सेल्स जैसे प्रतिरक्षा तत्व उपस्थित होते हैं, जो बच्चे के शरीर में जाकर उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं. इन प्रतिरक्षा तत्वों की वजह से ब्रेस्टफेड बच्चे कम बीमार पड़ते हैं और उन्हें संक्रमण, वायरल बुखार, पेट की समस्याएं आदि होने का खतरा भी कम होता है.
* जब मां अपने बच्चे को अपना दूध पिलाती है तो उन दोनों के बीच एक गहरा आध्यात्मिक और भावनात्मक बंधन बनता है. बच्चा जब मां की गोद में बैठकर दूध पीता है तो वह उसका स्पर्श और प्यार महसूस करता है.
* मां का दूध बच्चे के मानसिक विकास के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है. शोधों से पता चलता है कि जिन बच्चों को स्तनपान के रूप में मां का दूध मिला है, वे दूसरे बच्चों की तुलना में ज्यादा होशियार और बुद्धिमान होते हैं.
ब्रेस्टफीडिंग का नुकसान
* कभी-कभी मां को स्तनपान के दौरान थोड़ी परेशानी हो सकती है. उदाहरण के लिए, निप्पल दर्द या फटना.
* कुछ महिलाओं को पर्याप्त दूध नहीं आता. ऐसे में बच्चे को दूध की कमी होती है और दूध न निकलने पर निप्पल में दर्द होने लगता है.
* कुछ दवाएं लेने वाली महिलाओं को स्तनपान नहीं करवाना चाहिए.
* कई बार स्तनपान कराने से महिलाओं के स्तनों का आकार ढीला पड़ सकता है या उनमें झुर्रियां आ जाती है. इससे शरीर या बॉडी बिगड़ सकती
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