उत्तराखण्ड

उत्तराखंड : डीजीपी अभिनव कुमार ने पुलिस अधिकारियों के साथ की बैठक  

देहरादून–  DGP अभिनव कुमार ने समस्त जनपद प्रभारियों, सेनानायकों और परिक्षेत्र प्रभारियों के साथ पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में बैठक की। DIG, P/M सेंथिल अबुदई कृष्णराज एसपी ने समस्त उत्तराखंड पुलिस परिवार की ओर से नवनियुक्त डीजीपी अभिनव कुमार को शुभकामनाएं दी। डीजीपी अभिनव कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड पुलिस की संवृद्धि और विकास मेरा मुख्य लक्ष्य है। सकारात्मक दृष्टिकोण एवं मनोभाव के साथ एक टीम की तरह हमें काम करना है। मैं आपको पूर्ण समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए यहां पर हूँ। मेरा प्रयास रहेगा कि सभी अधिकारियों को फील्ड में काम करने का अवसर मिले। अन्य राज्यों एवं अर्धसैनिक बलों के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए हम अपने जनपद एवं वाहिनी प्रभारियों को वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों में और अधिक मजबूत करेंगे। आप अपना कार्य पूर्ण निष्ठा और समर्पण से करें, यही मेरी आपसे अपेक्षा है। हम सबको मिलकर उत्तराखण्ड पुलिस को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।
बैठक के दौरान कार्मिक, अपराध और कानून व्यवस्था अनुभागों की समीक्षा कर डीजीपी अभिनव कुमार ने निम्न बिंदुओं पर दिए दिशा-निर्देश
उत्तराखंड पुलिस द्वारा उत्तराखण्ड शासन को प्रेषित सभी प्रस्तावों की ठोस पैरवी की जाएगी। चतुर्थ श्रेणी के पदों को आरक्षी ट्रेडमेन से पद नामित किये जाने का प्रयास किया जाएगा। समस्त जनपद और वाहिनी प्रभारी कार्मिकों के एसीआर व एचआरएमएस के डेटा को शत प्रतिशत ऑनलाइन फीड कराना सुनिश्चित कर लें। समस्त शाखा/इकाई प्रभारी अपने अधीनस्थ समस्त कैडर्स की समीक्षा कर लें, जिससे कार्मिक पदोन्नति और अन्य सुविधाओं का समय से लाभ ले सकें। जमानत और पैरोल पर आये अभियुक्तों की निगरानी और उनकी गतिविधियों पर सतर्क दृष्टि रखें। मासिक अपराध गोष्ठी में जेल अधीक्षकों को भी आमंत्रित करें और उनसे भी सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। एसटीएफ भी सीमावर्ती राज्यों की जेलों से जमानत एवं पैरोल पर आये अभियुक्तों की नियमित निगरानी करें। समस्त जनपद प्रभारी नियमित रूप से ICJS पोर्टल पर मॉनिटरिंग करें। निरोधात्मक कार्यवाहियां प्रोएक्टिव पुलिसिंग को दर्शाती है। इस पर विशेष फोकस किया जाए। NDPS एक्ट एवं गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति की जब्तीकरण की कार्यवाही और गुण्डा एक्ट के अन्तर्गत जिला बदर की कार्यवाही बढ़ायी जाए। सड़क दुर्धटना सम्भावित क्षेत्रों का चिन्हिकरण वहां रोड साइनेंज और पुलिस कर्मियों को नियुक्त किया जाये। संबंधित विभागों एवं हितधारकों के साथ समुचित समन्वय स्थापित कर प्रिवेन्टिव ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए विशेष कार्य योजना तैयार कर लें।

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