दुसारी गोश्त, प्रेमसथी कमिंग सुन और नटसम्राट जैसी मराठी फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री नेहा पेंडसे ने क्षेत्रीय सिनेमा के अद्वितीय आकर्षण पर बात की। साथ ही यह भी बताया कि यह हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योगों से कैसे अलग है।
नेहा के पास एक विविध पोर्टफोलियो है जो मराठी, हिंदी और क्षेत्रीय फिल्मों तक फैला हुआ है।
उन्होंने कहा, मेरा दृढ़ विश्वास है कि मराठी फिल्मों में सही दर्शकों से जुडऩे की अंतर्निहित क्षमता होती है।
उन्?होंने कहा, हालांकि यह सच है कि अधिकांश हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों को अक्सर अपनी पहुंच बढ़ाने और व्यापक जनसांख्यिकीय के लिए अपील करने के लिए डब किया जाता है, मेरी राय में मराठी सिनेमा अभी भी उस बिंदु तक विकसित हो रहा है जहां इसकी सामग्री को आसानी से बदला जा सके, और कई भाषाओं में रिलीज किया जा सके।
उन्होंने साझा किया, यह सब उस असाधारण फिल्म के बारे में है जो भाषा की बाधाओं को पार करती है और सहजता से दर्शकों तक अपनी जगह बना लेती है।
पेंडसे ने उन मराठी फिल्मों का उदाहरण दिया जो भाषाई बाधाओं को पार कर राष्ट्रीय सिनेमाई परिदृश्य का हिस्सा बन गई हैं।
उन्होंने कहा कि सैराट और महाराष्ट्र शहर जैसी शानदार फिल्में हैं जो पूरे देश के दर्शकों तक पहुंचने में कामयाब रही। लोगों ने ये फिल्में देखीं और उन्हें पसंद किया, चाहे वे मराठी समझते हों या नहीं। यही मराठी फिल्मों का जादू है।
नेहा इन दिनों शो मे आई कम इन मैडम? में संजना मैडम के किरदार में नजर आ रही हैं। जो स्टार भारत पर प्रसारित होता है।