देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से सोमवार को राजभवन में मुख्य सूचना आयुक्त, उत्तराखण्ड अनिल चंद्र पुनेठा और राज्य सूचना आयुक्त विवेक शर्मा ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने राज्य सूचना आयोग के क्रियाकलापों एवं गतिविधियों की जानकारी राज्यपाल को दी।
उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम की उत्तराखण्ड में प्रगति, निपटाई गई अपीलों एवं लम्बित अपीलों आदि की जानकारी राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत की। उन्होंने अवगत कराया कि कोविड काल तथा उसके उपरान्त अपीलों/शिकायतों के नोटिस जारी करने/निस्तारण में लगभग डेढ़ से दो वर्ष का जो समय लग रहा था, आयोग के सतत प्रयासों से वह अब मात्र 4-6 माह का रह गया है। उन्होंने बताया कि जन सामान्य की सुविधा के दृष्टिगत आयोग द्वारा द्वितीय अपीलों/शिकायतों के नोटिस, आदेशों की प्रतियां तथा अन्य जानकारियों को एस.एम.एस. तथा ईमेल के माध्यम से प्रेषित किये जाने का निर्णय लिया गया है। यह सुविधा निकट भविष्य में उपलब्ध कराये जाने हेतु आयोग द्वारा प्रयास प्रारंभ कर दिये गये हैं।
मुख्य सूचना आयुक्त ने बताया कि अपीलों/शिकायतों की सुनवाई तथा उनके निस्तारण की संख्या के हिसाब से वर्ष 2022-23 में आयोग द्वारा अपने गठन से अब तक का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कुल 4116 सुनवाई की गई तथा 3718 वादों का निस्तारण किया गया। माह जनवरी 2022 से माह जुलाई 2023 तक आयोग द्वारा कुल 8386 वादों की सुनवाई करते हुए कुल 5226 वादों का निस्तारण किया गया। राज्यपाल द्वारा आयोग के कार्यों तथा नये प्रयासों की प्रशंसा की गयी एवं आशा व्यक्त की गयी कि आयोग के प्रयासों से प्रदेश में सूचना का अधिकार अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन होगा तथा आवेदनकर्ताओं को समय से वांछित सूचना की प्राप्ति हो सकेगी।
राज्यपाल ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें जिससे लोग जागरूक हो सके। उन्होंने कहा जिन जिलों में लोग कम जागरूक हैं वहां जागरूकता के विशेष प्रयास हों। लोगों को समय से और सही सूचनाएं मिलें इसके लिए भरसक प्रयास किए जांए। उन्होंने कहा कि आयोग को समय के साथ नई तकनीकी को अपनाने पर भी जोर दिया जाना चाहिए।