देहरादून। 6 अगस्त। बिपिन नौटियाल।
उत्तराखंड का ऐतिहासिक बटर फेस्टिवल का आयोजन 17 अगस्त को किया जाएगा। भीदयारा पर्यटन उत्सव समिति हर वर्ष धूमधाम से मनाती है इस उत्सव को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अढूंडी उत्सव का आयोजन कर रही है। भीदयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल और स्थल, नटीण, भटवाड़ी, क्यार्क, बंद्राणी ये पांच, गांव अढूंडी उत्सव का आयोजन कर रही है शनिवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता को भीदयारा पर्यटन उत्सव समिति के अध्यक्ष मनोज राणा ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दयारा बुग्याल में ग्रामीण पारंपरिक रूप से सदियों से ही भाद्रपद महीने की संक्राति को दूध मक्खन मट्ठा की होली खेलते रहे हैं। यह जनपद उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर समुद्रतल से 11 हजार फीट की उंचाई पर स्थित है। 28 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले प्रकृति का आभार जताने वाले यह उत्सव ग्रामीणों और प्रकृति के बीच के मधुर संबंध का प्रतीक है। रैथल गांव के ग्रामीण हर वर्ष अपने मवेशियों के साथ गर्मियों की दस्तक के साथ ही रेथल गांव से 7 किमी की पैदल दूरी पर स्थित दयारा बुग्याल स्थित छानियों में चले जाते हैं। मनोज राणा ने बताया कि बुग्याल में कई किमी तक फैले बुग्याल मवेशियों के आदर्श चारागाह होते हैं और यहां उगने वाले औषधीय गुणों से भरपूर पौधों से दुधारू मवेशियों के दुग्ध उत्पादन में गांव के मुकाबले अप्रत्याशित वृद्धि होती है। मानसून बीतने के साथ ही जब बुग्याल में सर्दियां दस्तक देने लगती है तो ग्रामीण अपने मवेशियों के साथ वापिस गांव लौटने की तैयारियों में जुट जाते हैं लेकिन इससे पूर्व ग्रामीण दयारा बुग्याल में मवेशियों और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए। दुधारू पशुओं के दूध में वृद्धि के लिए प्रकृति व स्थानीय देवताओं का आभार जताना नहीं भूलते। प्रकृति का आभार जताने के लिए ही ग्रामीण सदियों से इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। वर्ष 2006 में रैथल के ग्रामीणों की दयारा पर्यटन उत्सव समिति ने इस दूध मट्ठा मक्खन की अनोखी होली को देश विदेश के पर्यटकों से जोड़ने के लिए इसके आयोजन को बड़े स्तर पर करने का फैसला लिया। 2006 से लेकर अब तक दयारा पर्यटन उत्सव समिति हर वर्ष भाद्रपद माह की संक्राति यानि अगस्त महीने के मध्य में दयारा बुग्याल में अढूंडी उत्सव का भव्य आयोजन करती आ रही है। वहीं पूरी दुनिया में मक्खन मट्ठा दूध की यह अनोखी व अनूठी होली का आयोजन सिर्फ दयारा बुग्याल में ही होता है। दयारा पर्यटन उत्सव समिति बिगत डेढ़ दशकों से दयारा बुग्याल में इसे भव्य रूप से ग्रामीणों के साथ मिलकर मना रही है। जिसमें देश विदेश से हजारों पर्यटक भी हर साल इस अनोखे उत्सव में हिस्सा लेने के लिए रैथल व दयारा बुग्याल पहुंचते हैं। अब तक रैथल के ग्रामीणों की ओर से इस मेले का आयोजन किया जा रहा था लेकिन इस साल दयारा सर्किट में स्थित व रैथल समेत पांच गांव इसका संयुक्त रूप से आयोजन कर रहे हैं। रेथल, नटीण, बंद्राणी, क्यार्क, भटवाड़ी पारंपरिक रूप से पंचगाईं के रूप में संबोधित होते हैं और इन पांचों गांव में धार्मिक, सांस्कृतिक, पारंपरिक कार्यक्रम संयुक्त रूप से आयोजित होते रहे हैं।17 अगस्त को दयारा बुग्याल में आयोजित होने वाले बटर फेस्टिवल में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर मुख्य अतिथि करेंगे शिरकत। दयारा बुग्याल में आयोजित होने वाले बटर फेस्टिवल में मक्खन, मट्ठा की होली के साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक दल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी देंगे। साथ ही ग्रामीण पारंपरिक रूप से होने वाले नृत्यों, रासों का प्रदर्शन करेंगे। दयारा बुग्याल के नजारों का लुत्फ उठाने और रेथल से दयारा बुग्याल तक पहुंचने के लिए 15 अगस्त को रैथल गांव पहुंचना होगा। रैथल गांव में 20 से अधिक होमस्टे और कुछ होटल भी हैं, वहां रात्रि विश्राम कर इस ऐतिहासिक गांव की खूबसूरती का अहसास लेने के साथ ही गांव को जानने का मौका भी मिलेगा। 16 अगस्त को रैथल से दयारा बुग्याल के लिए ट्रैकिंग शुरू कर दयारा बुग्याल, गोई बुग्याल, चिलापड़ा बुग्याल में रात्रि विश्राम कर सकते हैं, रात्रि विश्राम करने के ईच्छुक पर्यटकों से दयारा पर्यटन उत्सव समित अनुरोध करती है कि जिस होमस्टे में वह रेथल में विश्राम करें वहां से दयारा बुग्याल में अपने रात्रि विश्राम की व्यवस्था करते हुए चले, क्योंकि बुग्याल में रात्रि व्यवस्था के सीमित संसाधन है लिहाजा स्थानीय लोगों से अपनी रात्रि विश्राम की पूर्व व्यवस्था करवाना ज्यादा बेहतर रहेगा। पूर्व के वर्षों की भांति बटर फेस्टिवल को भव्य स्तर पर आयोजित करने के लिए दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल व पांचगाईं पर्यटन विभाग, उत्तराखंड सरकार का आभार व्यक्त करती है। आयोजित पत्रकार वार्ता में गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान दयारा पर्यटन उत्सव समिति के अध्यक्ष मनोज राणा, रैथल गांव के प्रधान प्रतिनिधि महेंद्र राणा, नटीण ग्राम प्रधान महेंद्र पोखरियाल, बंद्राणी गांव से प्रतिनिधि सुदर्शन चौहान, क्यार्क गांव से पदम रावत आदि उपस्थित रहे।