parvatsanklp,07,05,2023
रुद्रप्रयाग। पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल द्वारा गुप्तकाशी में रिवर्स पलायन संवाद अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस दौरान उन्होंने पहाड़ की संस्कृति और संगीत के संरक्षण के लिए सभी को बढ़चढ़कर आगे आते हुए कार्य करने का आह्वान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल ने कहा कि पलायन के कारण आज उत्तराखंड के कई गांव खाली हो गए हैं। अपने इन सुदंर गांवों को दोबारा आबाद और हरा भरा कराना है तो रिवर्स पलायन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति और संगीत के संरक्षण के लिए हम सभी को कार्य करने की आवश्यकता है जिससे रीति-रिवाज हमारी पहचान जिंदा रह सके। कहा कि आने वाली पीढ़ी संगीत की विधाओं को सीखकर इन विधाओं को आगे ले जाने का काम करें। कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे उन्होंने कहा कि वे उन लोगों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं जो रिवर्स पलायन, शिक्षा, संगीत, साहित्य पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक व धार्मिक संरक्षण आदि क्षेत्रों में कार्य कर उत्तराखंड के विकास में अपना योगदान प्रदान कर रहे हैं। साथ ही अन्य लोगों को भी इन क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर प्रदेश के विकास में योगदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। विभिन्न मांगल गीतों के माध्यम से उन्होंने अपने संगीत प्रेम को कार्यक्रम में रखा।
इस मौके पर आचार्य विपिन जोशी ने कहा कि हम देवभूमि उत्तराखंड के वासी हैं। हमें अपने देवत्व एवं अपनी संस्कृति का संरक्षण करते हुए आने वाल पीढ़ी तक इसे पहुंचाना चाहिए जिससे कि हमारी महान संस्कृति उत्तरोत्तर आगे बढ़ती रहे। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड में बहुत से लोगों ने होम स्टे एवं अन्य कई व्यवसायों को अपनाकर रिवर्स पलायन को बढ़ावा दिया हैं जो कि एक सराहनीय पहल है। पलायन के बारे में उन्होंने कहा कि पलायन हो पर अच्छे के लिए हो। हमारे लोग जब भी पलायन करे तो अपने क्षेत्र में अच्छा काम करें और वापस अपनी मातृभूमि का विकास कर उसका ऋण चुकता करें। इस मौके पर तीलू रोतेली पुरस्कार से सम्मानित एंव कवयित्री उपासना सेमवाल ने अपनी कविता के माध्यम से पलायन के दर्द को प्रस्तुत किया और कहा कि किस तरह से एक शिक्षिका के रूप में कार्य शुरु करते हुए उन्होंने अपने कविताओं को लिखना आरम्भ किया। क्षेत्र पंचायत सदस्य सोमेश्वरी भट्ट ने कहा कि किस तरह से वो महिलाओं को साथ लेकर महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहीं हैं। साथ उन्होंने मांगल गीत के माध्यम से अपने संगीत प्रेम को भी प्रस्तुत किया।
मांगल गायिका यशोदा देवी ने भी अपने मांगल गायन से सभी दर्शकों को भावुक कर दिया। कालीमठ से आयी विनीता राणा ने कहा कि वो गांवों में महिलाओं के स्वयं सहायता समूह बनाकर एंव समूह में विभिन्न कार्य सबको साथ लेकर समाज सेवा में अपना योगदान दे रही है। रुद्रप्रयाग जनपद में स्वच्छ भारत अभियान के जनपदीय आइकन मनोज बेंजवाल ने पर्यावरण संरक्षण हेतु प्लास्टिक उन्मूलन के संकल्प की आवश्यकता की बात कही। अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कालेज गुप्तकाशी के शिक्षक महेश चौहान ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि किस तरह से वो विगत कई वर्षों से यहां पर रहकर छात्र छात्राओं को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इस मौके पर पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल द्वारा लखपत सिंह राणा को शिक्षा एवं रिवर्स पलायन, मनोज बेंजवाल को पर्यावरण संरक्षण, उपासना सेमवाल को संगीत एवं साहित्य, चन्द्रशेखर नौटियाल एवं बिनोद गैरोला को रिवर्स पलायन, विनीता राणा एवं सोमेश्वरी भट्ट को महिला सशक्तिकरण, यशोदा देवी को मांगल गीतों के संरक्षण एवं गायन, सृष्टि नेगी को संगीत, महेश चौहान को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए लखपत सिंह राणा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कहा कि हम सभी को अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए संकल्प लेना होगा।