06.05.2023
फैटी लिवर एक बीमारी है और यह लिवर की कोशिकाओं में ज्यादा फैट जमा होने के कारण होती है। अगर समय रहते इस बीमारी का उपचार न किया जाए तो यह लिवर के खराब होने या लिवर कैंसर का कारण बन सकती है। आइए आज हम आपको 5 ऐसी सामग्रियों के बारे में बताते हैं, जो फैटी लिवर के जोखिम को बढऩे से रोकने समेत इसका प्राकृतिक रूप से उपचार करने में मदद कर सकती हैं।
हल्दी
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक खास तत्व लिवर की कोशिकाओं को नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (हृ्रस्नरुष्ठ) से बचाने में मदद करता है। इसी तरह करक्यूमिन में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने वाला गुण होता है। इसके अलावा इसमें एंटी-प्रोलाइफरेटिव गुण होते हैं, जो श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने का काम करते हैं। आप हल्दी को इन 5 व्यंजनों के जरिए अपनी डाइट का हिस्सा भी बना सकते हैं।
दालचीनी
दालचीनी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर में सूजन को कम करने में प्रभावी होते हैं। इसमें मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड, फाइबर, पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन-्र जैसे कई पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। ये तत्व लिवर को कई रोगों से सुरक्षित रखने में कारगर साबित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-बायोटिक गुणों से भरपूर होने के कारण पूरे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
गोजी बेरी
एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर गोजी बेरी लिवर की बीमारियों सहित फैटी लिवर के जोखिम कम करने में मदद कर सकती है। एक शोध के अनुसार, गोजी बेरी में प्रोएन्थ्रोसिनेनिडिन-्र नामक एक खास कंपाउंड पाया जाता है, जो मूत्र मार्ग के संक्रमण को पैदा करने वाले कीटाणुओं को खत्म करके इससे राहत दिलाने में सहायक हो सकता है। यह इम्यूनिटी को बढ़ाकर संक्रमण और बीमारियों से शरीर को बचाए रखने में भी प्रभावी हैं।
मुलेठी
मुलेटी भी फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में काफी मदद कर सकती है। इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण के साथ-साथ हेपटोप्रोटेक्टिव यानी लिवर को सुरक्षित रखने गुण पाए जाते हैं। समस्या से बचाव के लिए मुलेठी के बीज के चूर्ण को आधे कप गरम पानी में मिलाएं और फिर इसे छानकर पी लें। इस प्रक्रिया को एक हफ्ते तक प्रतिदिन दोहराएं।
मिल्क थिसल टी
मिल्क थिसल सिलीमरीन नामक एक खास तत्व से युक्त होते हैं। इस तत्व में एंटी-ऑक्सीडेंट और डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में सहायक साबित हो सकते हैं। समस्या के प्रभाव को कम करने के लिए 1 कप गर्म पानी में एक मिल्क थिसल टी बैग डूबोकर कुछ मिनट छोड़ दें। अब बैग को कप से निकालकर इसमें थोड़ा शहद मिलाएं और पी लें। इस प्रक्रिया को दिन में 2-3 बार दोहराएं।
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