देहरादून। जिलाधिकारी सोनिका ने जनपद में लैण्डफ्राड के बढते प्ररकणों के दृष्टिगत जिलाधिकारी शिविर कार्यालय में बैठक लेते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि भूमि धोखाधड़ी की रोकथाम हेतु प्रभावी कदम उठाये जाएं।
जिलाधिकारी ने आमजनमानस से अनुरोध किया कि भूमि क्रय करते समय भूमि का 12 साला एवं विगत वर्षों की तीन लेन-देन (जो भी अधिक हो) का वर्णन, भूमि क्रय-विक्रय करते समय भूमि बन्धक है या नहीं, का स्पष्ट उल्लेख अपने अभिलेखों में वर्णन जरूर करेंगे। साथ ही जनमानस से अनुरोध किया कि सम्पत्ति का हस्तांतरण करते समय बन्धक सम्पत्ति की सर्च रिपोर्ट cersai.org.in वेबसाईट से प्राप्त कर संलग्न करेंगे, ताकि बन्धक सम्पत्ति धोखे से हुए लेन-देन पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने बताया कि समस्त रजिस्ट्रीयां बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से महानिरीक्षक निबंधन देहरादून को आधार लिंक करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा भूमि क्रय-विक्रय करने से पूर्व सावधानी बरतने के संदर्भ में एडवाइजरी जारी की गई है। जनपद की समस्त तहसीलों में खतौनियों में अंश निर्धारण का कार्य प्रारंभ किया गया। इससे कोई भी सहखातेदार अपने अंश से अधिक भूमि का क्रय/विक्रय नहीं कर सकेगा।
जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रामजीशरण शर्मा ने जानकारी देते हुए किया कि जनमानस के साथ भूूमि क्रय करते समय फ्राड न हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा एडवाईजरी जारी की गई की गई ताकि भूमि क्रय करते समय सावधानी बरती जाए।
1. क्रय की जाने वाली भूमि के खसरा नंबरों की तहसील से प्रमाणित खतौनी प्राप्त करें, जिसमें विक्रेता का नाम अंकित हो ।
2. विक्रेता की पहचान पुष्ट कर लें।
3. सर्वाधिक ध्यान रखने योग्य बिंदु है कि क्रय की जाने वाली भूमि का राजस्व अभिलेखों एवं मौके का मिलान अवश्य कर लें।
4. जिस संपत्ति को क्रय किया जाना है उसकी दिशाओं को आस-पड़ोस में अच्छी तरह पुष्टि करा लें।
5. अभिलेखों में जरूर जाँच लें कि विक्रेता के नाम भूमि अवशेष है या नहीं ।
6. बैंक एवं पंजीयन कार्यालय से भूमि के भार मुक्त होने का प्रमाण पत्र अवश्य प्राप्त कर लें।
7. eregistrationukgov-in की साइट पर जाकर यह पुष्ट कर लें कि भूमि के क्रय-विक्रय पर किसी न्यायालय द्वारा कोई रोक तो नहीं है।
8. भूमि क्रय करने के पश्चात अपना नामान्तरण तत्काल राजस्व अभिलखों/ खतौनी में करा लें।
9. क्रय किये जाने वाली भूमि का उप निबन्धक कार्यालय में पंजीयन से पूर्व भूमि की बाउण्ड्री वॉल करा लें।
10. क्रय की गयी भूमि पर ही कब्जा प्राप्त दिया गया है, इसकी पुष्टि तत्काल करा लें।