parvatshanklp,26,04,2023
हरिद्वार। नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करने और पॉक्सो एक्ट के मामले में एडीजे/एफटीएससी न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने आरोपी युवक को दोषी पाया है। कोर्ट ने दोषी युवक को 20 वर्ष की कठोर कैद और एक लाख दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि 14 अप्रैल 2020 को पथरी क्षेत्र के गांव से एक नाबालिग लड़की शौच के लिए खेत में गई थी। घर नहीं लौटने पर परिजनों के पीड़िता को तलाश करने पर भी उसका पता नहीं चला था। अगले दिन पीड़िता ने आरोपी युवक की बुआ के घर से फोन कर पूरी घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी थी। उसी दिन पीड़िता का भाई और आरोपी युवक के भाई अपनी बुआ के घर पहुंचे। जहां से आरोपी युवक फरार हो गया था।
पीड़िता को वहां से घर ले आए थे। शिकायतकर्ता पिता ने घटना के चार दिन बाद आरोपी प्रताप निवासी थाना पथरी के खिलाफ अपनी पुत्री को बहला फुसलाकर ले जाने, दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित लड़की ने अपने परिजनों व पुलिस को सारी आपबीती बताई थी। जिसमें पीड़िता ने बताया था कि आरोपी युवक उसे जबरदस्ती बहला फुसलाकर बाइक पर बैठाकर अपनी बुआ के घर मंगलौर ले गया था। वहां आरोपी ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। मामले की विवेचना के बाद विवेचक ने आरोपी प्रताप के खिलाफ धारा 363,366ए,376 तीन आईपीसी व धारा 3क/4दो पॉक्सो एक्ट में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से नौ गवाह पेश किए।