Parvatsankalp,14,12,2022
शिशु बोटुलिज्म एक दुर्लभ बैक्टीरिया संक्रमण है जो शिशुओं की बड़ी आंत में होता है। इससे बच्चों की मांसपेशियां कमजोर होती है और उन्हें सांस लेने और खाने-पीने में दिक्कत होती है। यह एक साल के कम उम्र के बच्चों को इसलिए होता है, क्योंकि उनका पाचन तंत्र बैक्टीरिया को संभालने के लिए पूरी तरह से विकसित नहीं होता है। बच्चों को इस संक्रमण से बचाने के लिए आज हम आपको इसके लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में बताएंगे।
क्या है शिशु बोटुलिज्म
शिशु बोटुलिज्म एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जिसमें क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक बैक्टीरिया शिशु के पेट के अंदर बढऩे लगते हैं। यह बैक्टीरिया कुछ खाद्य पदार्थों खासकर शहद के अलावा दूषित मिट्टी, धूल और खुले घाव में पाए जाते हैं। यह बीमारी नवजात या एक साल के उम्र के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करती है। इसका सही समय पर इलाज नहीं करने से बच्चे को कमजोरी और सांस की बीमारी होने के साथ-साथ जान का भी खतरा रहता है।
शिशुओं में शहद के सेवन से होता है बोटुलिज्म
क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिज्म आमतौर पर एक साल से छोटे बच्चों को शहद खिलाने के कारण होता है। यह बच्चे के पाचन तंत्र में फैल जाता है और प्रभावित करता है। ये बैक्टीरिया मिट्टी और धूल में भी मौजूद होते हैं और आसानी से कालीन और फर्श जैसी सतहों पर आ सकते हैं। ये बैक्टीरिया बड़े बच्चों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, क्योंकि उनका पाचन तंत्र इनसे लडऩे में सक्षम हो चुका होता है।
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण
बोटुलिज्म शिशु के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। ऐसे में इसके लक्षण दिखते ही इलाज शुरू करना चाहिए। इसकी शुरुआती लक्षणों में आमतौर पर बच्चों को कब्ज की दिक्कत होती है। इसके अलावा चेहरे, हाथ, पैर और गर्दन की मांसपेशियां कमजोर होने, भूख की कमी, सांस लेने में दिक्कत, मुरझाई पलकें और सुस्ती का अनुभव हो सकता है। इसके साथ ही बच्चे को कुछ भी निगलने में परेशानी होती है और मुंह से ज्यादा लार निकलती है।
बीमारी के बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान
शिशु बोटुलिज्म को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि एक साल से कम उम्र के बच्चे को शहद नहीं खिलाएं। इसके अलावा बच्चों को शहर के इस्तेमाल से बने किसी भी प्रोसेस्ड फूड से दूर रखना चाहिए। बच्चों के लिए खाना बनाते वक्त सब्जियों को अच्छी तरह पकाएं। इससे बैक्टीरिया को मारने और अंतर्ग्रहण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही बच्चों को धूल-मिट्टी से भी दूर रखें।
कैसे करें इस बीमारी का इलाज
शिशु बोटुलिज्म के इलाज के लिए डॉक्टर बोटुलिज्म इम्यून ग्लोब्युलिन इंट्रावीनस (क्चढ्ढत्रढ्ढङ्क) नामक एंटीटॉक्सिन का इस्तेमाल करते हैं। यह एक ऐसी प्राथमिक दवा है जो बोटुलिज्म के लक्षणों को बिगडऩे से रोकती है और बच्चों को तेजी से ठीक होने में मदद करती है। इसके अलावा जरूरत पडऩे पर बच्चे को सांस लेने में मदद के लिए वेंटिलेटर पर रखा जा सकता है। अगर दूध पिलाने में परेशानी हो तो डॉक्टर उनकी नसों में तरल पदार्थ भी भर सकते हैं।