श्रीनगर गढ़वाल,parvatsankalp,24,09,2022
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि विधानसभा में हुई नियुक्तियों के मामले में स्पीकर ने जो कदम उठाया है उस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, लेकिन नियुक्तियां रद करने को सरकार को क्यों भेजा गया जबकि नियुक्तियां स्पीकर को ही रद्द करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि जो नियुक्तियां गलत पाई गई हैं उनमें किसी स्तर की गलतियां हुई हैं इसकी जानकारी लोगों के संज्ञान में आनी जरूरी है। कहा जिन्होंने यह गलत नियुक्तियां कराई हैं उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। शुक्रवार देर सायं को यहां पहुंचे पूर्व सीएम रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नियुक्तियों को रद्द करने का आधार स्पष्ट होना चाहिए। कहा यदि नियुक्तियां रद्द करने का आधार केवल तदर्थ नियुक्ति है तो प्रदेश में बड़ी संख्या में तदर्थ नियुक्तियां हुई हैं। यदि रिश्तेदारों को भरने के आधार पर नियुक्तियां रद्द हुई हैं तो जिन्होंने नियुक्तियां कराई हैं उन्हें भी दंड मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गैरसैण विधानसभा को आधार बनाकर दो बार नियुक्तियां हुई हैं, लेकिन गैरसैंण में विधानसभा का एक भी कर्मचारी नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ लोगों को बचाने के लिए नियुक्तियों को रद्द किया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हाकम सिंह प्रकरण को ढ़कने व हाकम के हाकमों को बचाने के लिए विधानसभा नियुक्ति प्रकरण को लाया गया है। उन्होंने कहा कि हाकम सिंह प्रकरण ने प्रदेश की व्यवस्था की चूलें हिला दी।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या उसका मास्टर माइंड केवल जिला पंचायत सदस्य है। इसकी जांच तर्कसंगत परिणिति पर पहुंचनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए और महिलाओं के 30 प्रतिशत क्षेत्रित आरक्षण व राज्य आंदोलनकारियों के 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का समाधान कराए। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा समूह ग भर्ती में उत्तराखंड के स्थायी निवासियों के अधिकार को सुनिश्चित कराए जाने व जो परीक्षाएं निरस्त हुई हैं उनमें आयु सीमा पार करने वाले अभ्यर्थियों के अधिकारों को लेकर सरकार स्थिति स्पष्ट करे। मौके पर कांग्रेस नगर अध्यक्ष भूपेंद्र पुंडीर, कांग्रेस नेत्री राजेश्वरी रावत, बसंती जोशी, लाल सिंह नेगी, अंकित रावत आदि मौजूद रहे।