Parvatsanklp,16,08,2022
शरीर को पानी की पर्याप्त मात्रा की जरूरत होती हैं। रोजाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पीना ही चाहिए। मानव शरीर में अपशिष्ट के उत्सर्जन के लिए पानी की आवश्यकता होती है। लेकिन कई बार देखने को मिलता हैं कि पानी पीने के बावजूद अनायास ही प्यास लगती रहती हैं तो यह सेहत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। जी हां, बहुत अधिक प्यास लगना भी बीमारियों की ओर इशारा करता हैं। अगर आपको भी जरूरत से अधिक प्यास लग रही है तो इस बारे में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि बार-बार प्यास लगने के कौन-कौन से कारण हो सकते हैं। इन्हें जानकर अपनी सेहत के प्रति सजग रहने की जरूरत हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में…
डिहाइड्रेशन की स्थिति
यदि शरीर डिहाइड्रेशन की स्थिति में है, यानी कि शरीर में पानी की कमी हो गई है तो इसमें आपको अधिक प्यास लग सकती है। हालांकि यह समस्या ज्यादातर गर्मी के दिनों में देखने को मिलती है। गर्मी के मौसम में धूप के संपर्क में आने के कारण पसीने के रूप में शरीर का ज्यादातर पानी बाहर निकल जाता है, जिसके कारण इसकी कमी हो सकती है। डिहाइड्रेशन कुछ स्थितियों में गंभीर समस्याकारक भी हो सकती है जिसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
एंग्जायटी
अर्थ में धडक़न का बढ़ जाना, बेचैनी और घबराहट का महसूस होना ही मेडिकल की भाषा में एंग्जायटी कहलाता है। ऐसी स्थिति में मुंह भी सूखने लगता है, जिस कारण व्यक्ति अधिक पानी पीता है। ऐसी स्थिति में कुछ एंजाइम मुंह में बनने वाली लार की मात्रा में भी कमी ला देते है, जिस कारण भी अधिक प्यास लग सकती है।
गर्भावधि मधुमेह का संकेत
बार-बार पानी पीने की जरूरत महसूस होना ज्यादातर गर्भवती महिलाओं में एक आम समस्या है। हालांकि, अगर यह जारी रहता है और गर्भावस्था के साथ बढ़ता जाता है तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें क्योंकि यह गर्भावधि मधुमेह का संकेत भी हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान मधुमेह की समस्या का जोखिम अधिक होता है, इस बारे में विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता होती है।
अपच
कई बार अधिक तेलयुक्त या मसालेदार भोजन खाने के बाद वह आसानी से नहीं पचता है। शरीर को गरिष्ठ भोजन पचाने के लिए अधिक पानी की जरूरत होती है। इससे शरीर में पानी की कमी होने लगती है और यह अत्यधिक प्यास की वजह हो सकती है।
डायबिटीज का संकेत
बार-बार प्यास लगना आपमें डायबिटीज रोग के विकसित होने का भी संकेतक हो सकता है। डॉक्टर्स बताते हैं जब ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है तो शरीर मूत्र के माध्यम से इसे स्वाभाविक तौर पर निकालने का प्रयास करता रहता है। बार-बार पेशाब जाने के कारण भी शरीर में पानी की कमी होने लगती है जिसके कारण भी आपको अधिक प्यास लगने लगती है। डायबिटीज एक गंभीर और दीर्घकालिक समस्या है जिसके रोकथाम को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।
स्लाइवा ग्लैंड का इनएक्टिव होना
मुंह में जब स्लाइवा ग्लैंड एक्टिव नहीं होता तो मुंह सूखने लगता है। इससे होंठ और गला भी सूखने लगते हैं। इससे प्यास का अहसास बार-बार होता है। कई बार ऐसा कुछ दवाओं के कारण भी होता है। दवांए स्लाइवा निकालना कम कर देती हैं। दवा खाने से मुंह का यह ग्लैंड बंद हो जाता हैं। इसके अलावा कैंसर जैसी कुछ बीमारियों में भी मुंह सूखने की समस्या होती है। स्लाइवा कम बनने से सांस की बदबू, स्वाद में परिवर्तन, मसूड़ों में दिक्कत, होने लगती है।
पॉलीडिप्सिया की समस्या
पॉलीडिप्सिया अत्यधिक प्यास की भावना है। पॉलीडिप्सिया अक्सर मूत्र संबंधी स्थितियों से जुड़ा होता है जिसके कारण आपको बहुत अधिक पेशाब आता है। बार-बार पेशाब के कारण शरीर में तरल पदार्थों की कमी को पूरा करने के लिए आपको अधिक प्यास लगने लगती है। यह शारीरिक प्रक्रियाओं के कारण भी हो सकता है जिसमें आप बहुत अधिक मात्रा में तरल पदार्थ खो देते हैं।
एनीमिया
शरीर में खून की कमी होने पर भी बार-बार प्यास लगने की समस्या होती है। ऐसा खून में रेड ब्लड सेल के कम बनने के कारण होता है। शरीर में जब पर्याप्त ऑक्सीजन की स्पलाई नहीं होती तो प्यास लगने की समस्या होने लगती है।