उत्तर प्रदेश

लखनऊ : मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर के एम्स में  500 क्षमता वाले सभागार किया उद्घाटन

 

लखनऊ,04,08,2022(आरएनएस)

 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को  जनपद गोरखपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 500 क्षमता वाले सभागार एवं नेशनल सेन्टर फॉर पॉलिसी रिसर्च इन टोबैको कन्ट्रोल (एन0सी0पी0आर0टी0सी0) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि बीमारी के उपचार का महत्वपूर्ण पक्ष बचाव होता है। बचाव का यह पक्ष हम सबको आज इस नेशनल सेंटर फॉर रिसर्च इन टोबैको कन्ट्रोल के साथ जोड़ता है। प्रत्येक व्यक्ति जानता है कि तम्बाकू से अनेक बीमारियां होती है। धूम्रपान मनुष्य के लिये बहुत हानिकारक है। जो इसका सेवन करता है, उसके लिये तो यह हानिकारक है ही, लेकिन जो इसका स्वयं सेवन नहीं कर रहा है, परन्तु यदि वह धूम्रपान करने वाले व्यक्ति की संगति में हैं, तो धूम्रपान से होने वाले नुकसान से वह अपने आपको बचा नहीं सकता है। इसके दृष्टिगत जागरूकता के अनेक कार्यक्रम चलते है। जागरूकता के माध्यम से हम अधिक से अधिक जनमानस को जोडक़र उन्हें किसी भी संभावित खतरे से बचाने के लिये एक बड़ा अभियान आगे बढ़ा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स, गोरखपुर इसकी अगुवाई कर रहा है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार ने इस प्रकार के नियम बनाये हैं, जो फिल्मों, विज्ञापनों में कहीं भी धूम्रपान के दृश्य को बढ़ावा नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल क्षेत्र में जो लोग अपने स्वावलम्बन का आधार बनाना चाहते हैं, सेवा के क्षेत्र को चुनना चाहते हैं, उनके लिये यह और भी महत्वपूर्ण इसलिये हो जाता है कि वह अपने पाठ्यक्रम तक सीमित न रहकर अपने स्तर पर कुछ नया करने का प्रयास करें।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि एक चिकित्सक के पास सबसे ज्यादा सम्भावना होती है। चिकित्सक अगर एक वर्ष तक ओ0पी0डी0 में बैठता है तो उसके लिये एक नया पब्लिकेशन ओ0पी0डी0 के माध्यम से प्राप्त हो जाता है। प्रत्येक मरीज को दी जाने वाली उसकी सलाह और मरीज के सभी लक्षण एक नया रिसर्च पेपर भी तैयार करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में इन सभी बातों को समाहित करने का भरपूर प्रयास किया है। आपका इनोवेेशन तथा रिसर्च आपकी योग्यता का आधार बनेगा और उसी प्रकार से आप आगे बढ़ पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में मस्तिष्क ज्वर से पिछले 40 वर्षों में लगभग 50 हजार बच्चों की मौत हुई। लेकिन उन्हें इन 40 वर्षों में इंसेफेलाइटिस से संबंधित कोई भी रिसर्च नहीं मिली। कोई भी उस पर काम नहीं कर पाया। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में उपचार होता था, लेकिन वहां संसाधनों का अभाव था। वर्ष 2017 में हमारी सरकार बनने के बाद इंसेफेलाइटिस के समूल नाश के लिए कार्य किया गया। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में संसाधन उपलब्ध कराने के साथ ही, हर जनपद में जिला अस्पताल, सी0एच0सी0, पी0एच0सी0 पर पीकू वॉर्ड का निर्माण कराया गया। प्रदेश सरकार के 09 विभिन्न विभागों को जोडक़र जागरूकता, स्वच्छता, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता एवं सैनिटाइजेशन के लिए कार्य किया गया। इसका नोडल स्वास्थ्य विभाग को बनाया गया। इसके परिणाम स्वरूप 95 प्रतिशत तक इंसेफेलाइटिस को रोकने में सफलता मिली। इंसेफेलाइटिस को जड़ से समाप्त करने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज यदि कोई बच्चा बीमार होता है, तो उसका तत्काल इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेन्ट सेन्टर ई0टी0सी0 पर ले जाकर बेहतर इलाज होता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री जी के प्रयास से भारत ने 9 महीने में दो-दो स्वदेशी वैक्सीन बना दी। भारत में 200 करोड़ वैक्सीन के डोजेज लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमने डिग्री ली है, इसका मतलब हमारा कॉलेज समाप्त नहीं हो जाता। हमारे लिये विकास/रिसर्च का क्षेत्र खुला हुआ है। जहां पर हम रिसर्च की संभावनाओं को आगे बढ़ा सकते हैं। टोबैको कन्ट्रोल के इस अभियान को जागरूकता के साथ-साथ वृहद् पैमाने पर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। एक चिकित्सक इस अभियान के साथ जुड़ेगा तो स्वाभाविक रूप से आम आदमी उस पर विश्वास करेगा। मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर तम्बाकू नियन्त्रण पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन भी किया।

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