जानते हो जब तुम पास होते हो….
तो मै बावरी हो जाती हूँ…
सिर्फ तुम्हे महसूस करती हूँ…
तुम्हे देखना तुम्हे सुनना…
बेहद आनन्दित करती है…
तुम्हारे संग रहने के लाखो…
बहाने ढुढ़ती है…
जिस पल न मिलो तो…
कई शिकायते ढूँढ़ती है..
जताती नही अपना प्यार…
पर तुम पर अपना हक जताती है…
कैसा ये प्रेम ?
जो खुद को तुममे ढूँढ़ती है…
कहती नही तुमसे…
पर ये समझती है…
कि तुम भी उसे चाहते…
तुम्हारी नजरों से खुद को चुराती है…
शायद ये वजह कि-…
तुम पास होते हो तो ,…
मै बावरी हो जाती हूँ ।…
.✍️सुनीता मिश्रा, जमशेदपुर