उत्तराखण्ड

उत्‍तराखण्‍ड माने बाप का राज्‍य : भाग 1 अवैध खनन कर करोंडों के राजस्‍व की चोरी

देहरादून(आरएनएस)। उत्‍तराखण्‍ड वो राज्‍य है जहां कुछ भी हो सकता है। इसी का फायदा उठा रहे है यहां के खनन व भू माफिया। इन दिनों पछवादून का एक बड़ा मामला सुर्खियों में है।  यहां नेशनल हाईवे की आड़ में ग्राम समाज की भूमि में मशीनों की सहायता से अवैध खनन किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि ये माफिया जिले के आला अधिकारियों को भी गुमराह कर रहे हैं और खुलेआम अवैध खनन कर रहे हैं।
मामला पछवादून के ग्राम कल्‍याणपुर हसनपुर का है। यहां इन दिनों नेशनल हाईवे का काम चल रहा है। इसी काम आड़ में माफिया ग्राम समाज की भूमि जो कि नदी के किनारे स्थित है पर पोकलेण्‍ड मशीन से खुदाई कर अवैध खनन कर रहे हैं। इस मामले में इन माफियाओं ने जिले के अधिकारियों को भी गुमराह किया है। पूरे मामले की हसनपुर के ग्राम प्रधान ने लिखित शिकायत भी पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों को की है लेकिन खनन बदूस्‍तूर जारी है। बताया जा रहा है कि ये माफिया स्‍थानीय लोगो को डरा धमकाकर चुप करा देते हैं और फिर अपनी मनमर्जी से जमीनों का सीना चीर रहे हैं। इन माफियाओं  ने यहां दस से बारह फीट तक के गढ्ढे किए हुए हैं जो कि बरसात के दिनों में दुर्घटना के सबब भी बने हुए हैं। कहा जा रहा है कि  ये माफिया यहां पिछले छह महीने से लगातार लगे हुए हैं। इन खनन करने वालों का कहना है कि इसके लिए एन एच के ठैकेदार को अनुमति दी गयी है यह अनुमति विकासनगर से बल्‍लूपुर चौक तक सड़क को चार लेन करने के लिए किए जाने वाले निर्माण कार्य हेतु आरबीएम और अन्‍य खनन सामग्री उठाने के लिए दी गयी है। हालांकि इस अनुमति पत्र में साफ साफ लिखा है कि नदी के 15 मीटर ओर वन, ग्राम समाज और काश्‍तकारों की जमीन पर कोई उठान नहीं होगा। इसके बावजूद ये माफिया पोकलैण्‍ड मशीन से  नदी का सीना छलनी कर रहे हैं। इसमें एक झोल ये भी है जहां खनन की अनुमति दी गयी है वह भी सिर्फ तीन फीट से अधिक गहरा नहीं खोद सकते हैं लेकिन ये इन मानको को भी दर किनार कर दस से बारह फुट ही नहीं कही कही तो ये 20 फुट भी खोद रहे हैं। इसके साथ ही रवन्‍नों का कोई हिसाब नहीं है और सबसे अहम बात यह है कि जिन वाहनों में माल भेजा जा रहा है उनको तोलने के लिए यहां कोई धर्मकांटा तक नहीं है। कितना माल जा रहा है, वह मानक के हिसाब से है या नहीं इसकी कोई जांच करने वाला नहीं है। इस तरह ये माफिया सरकार को भी हजारों करोड़ का चूना लगा चुके हैं क्‍योंकि जब माप तोल ही नही है तो रायल्‍टी का आंकलन कैसे होगा।
इस पूरे मामले में कई बार शिकायत के बाद भी पूरी सरकारी मशीनरी आंखे मूदे बैठी हुयी है। सरकारी नियमों की बात करें तो यह साफ साफ है कि किसी भी नदी या जमीन पर खनन के कारोबारियों को खनन करने के लिए किसी भी मशीन की अनुमति नहीं है। यहां बिना अनुमति के ही पोकलैण्‍ड चलाई जा रही है। खनन अधिकारी भी मानते हैं कि पोकलैण्‍ड का प्रयोग पूरी तरह से अवैध लेकिन इसको रोकने की जहमत कोई नहीं उठा रहा है। पुलिस अधिकारियो का कहना है कि इस मामले में यदि उनके पास जिला खनन अधिकारी शिकायत करते हैं तो पुलिस अपनी कार्रवाई करेगी।

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