मनोरंजन

दोहे – अनिरुद्ध कुमार

इज्ज़त पैसा कुछ नहीं, मानवता अनमोल।

सबके दिल में प्यार हो, सुंदर लगे खगोल।।

 

भूख प्यास के सामने, इज्ज़त भी लाचार।

पैसा रख गिनते रहो, हरपल हाहाकार।।

 

सेवा सुख का सार है, जीवन का आधार।

ज्ञान से बड़ा कुछ नहीं, झूम रहा संसार।।

 

काम सदा इंसान का, जग में पाता मान।

कर्मठ को चाहे सभी, लोग करे अभिमान।।

 

तालमेल से जग चले, मर्म सबों का जान।

जो नर मनमाना करे, जग कहता अंजान।।

– अनिरुद्ध कुमार सिंह ,धनबाद, झारखंड

Related posts

गीत (कोरोना का तांडव) – जसवीर सिंह हलधर

admin

ना हम है हारे – मुकेश तिवारी

admin

पर्यावरण और वन – शिव नारायण त्रिपाठी

admin

Leave a Comment