मनोरंजन

उसे पा लूँ – स्वर्ण लता, कोई भाता नहीं है – स्वर्णलता

उसे पा लूँ मगर ज़रिया नहीं है।।

कहाँ डूबूँ कि दिल दरिया नहीं है।।

 

हरी की भी खबर लाता नहीं है।

उसी के बिन रहा जाता नहीं है।

 

कहूँ किससे हमारे दिल कि बातें।

कहे बिन भी रहा जाता नहीं है।।

 

कहीं चुप से चला जाता पी मेरा,

बुलाओ तो मगर आता नहीं है।

 

अभी तो सोन कोई ना हमारा।

बिना उसके कुई भाता नहीं है।।

– स्वर्णलता सोन, दिल्ली

Related posts

पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी का ‘सारस्वत सम्मान एंव पुस्तक लोकार्पण समारोह’ का आयोजन

admin

एस.बी.एम जैन स्कूल में मातृ दिवस पर माताओं में जोश – प्रीति शर्मा

admin

शिवेश्वर दत्त पाण्डेय को मिला वीणा सम्मान- 2022 – संगम त्रिपाठी

admin

Leave a Comment